________________
व्यक्ति और विश्व शांति / २२१
प्रत्येक व्यक्ति अपने दायित्व का अनुभव करे । विश्व शान्ति का प्रश्न किसी एक राष्ट्र का प्रश्न नहीं, किसी एक समाज का प्रश्न नहीं, किसी एक धर्म का प्रश्न नहीं, पूरी मानवजाति का प्रश्न है और पूरी मानवजाति का भाग्य उसके साथ जुड़ा हुआ है । इसलिए प्रत्येक व्यक्ति इस विषय पर चिन्तन करे, मनन करे, मन्थन करे और अपनी शक्ति का नियोजन करे और ऐसा वातावरण हिन्दुस्तान में भी निर्मित करे जिससे संसार के दूसरे देशों को भी यह सोचने का मौका मिले कि इतना बड़ा लोकतंत्रीय राष्ट्र विश्व शान्ति के पक्ष में अपने पक्ष को कितना प्रबुद्ध कर रहा है, इसलिए हमें भी इस विषय में चिंतन करना है । -
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org