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जीवन क्या है ? | ९
पानी पिलाओ, दोनों बातें नहीं हो सकतीं । शब्द होगा तो पानी आएगा, शब्द नहीं होगा तो पानी भी नहीं आएगा ।'
सारी दुनिया का संबंध जुड़ा हुआ है । कोई भी आदमी एक-दूसरे से अलग नहीं हो सकता । आप शरीर, श्वास, प्राण, इन्द्रियों, मन और चित्त से अलग नहीं हो सकते । इसी प्रकार इन्द्रियातीत से अलग नहीं हो सकते और अपनी आत्मा से अलग नहीं हो सकते ।
इस संदर्भ में हम सोचें और जोड़ की इस दुनिया में जोड़ने वाली कड़ियों को अलग-अलग न करें । जीवन एक बहुत बड़ा विज्ञान है । हम उसे समझने का प्रयत्न करें। जो जीवन को समझ लेता है उसके लिए सारी विधाएं वरदान बन जाती हैं और जिसने जीवन को समझा ही नहीं, उसके लिए सारी विधाएं अभिशाप बन जाती हैं । वरदान और अभिशाप का चुनाव हमें ही करना होगा।
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