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स्वतन्त्र व्यक्तित्व का निर्माण ये तीन हमारे पूरे व्यक्तित्व का संचालन कर रहे हैं। संचालन करना, संतुलन करना हमारे विशेष केन्द्रों पर निर्भर है। एक बहिन बीमार हो गई। उसका संतुलन खो गया। खड़ी नहीं रह सकती, गिर जाती है। चलते-चलते लड़खड़ा जाती । बहुत निदान किया, पता नहीं चला। आखिर बम्बई के एक कुशल डॉक्टर ने सही निदान किया। दवा दी और ठीक हो गई। क्या थी बीमारी? पता चला कि कान के पास एक स्नायु है। उस स्नायु में थोड़ी-सी गड़बड़ हो जाती है तो हमारा संतुलन खो जाता है। कान के पास छोटा-सा, पतला-सा स्नायु है, उसका संतुलन बिगड़ता है तो आदमी लड़खड़ाने लगता है, वह ठीक से न बैठ सकता है, न लेट सकता है
और न चल सकता है। संतुलन रखने वाले अवयवों का बड़ा महत्त्व होता है। नियन्त्रण करने वाले, शासन करने वाले तत्त्वों का बहुत ज्यादा महत्त्व होता है। हमारे शरीर का यह नियंत्रण कक्ष जो समूचे शरीर की गतिविधियों का नियन्त्रण करता है जो समूचे साम्राज्य का नियंत्रण करता है, केवल पांच-छह अंगुल की सीमा में है। इसको साधने का अर्थ है- अनुशान का विकास।
दर्शन-केन्द्र अन्तर्दृष्टि को विकसित करता है, ज्योति-केन्द्र सारी आचारात्मक प्रवृत्तियों का नियन्त्रण करता है और अग्रिम मस्तिष्क समूचे तापमान का नियन्त्रण करता है। इन सबका नियन्त्रण करता है हाइपोथेलेमस। वह पीनियल पर भी नियन्त्रण करता है। पीनियल पिच्यूटरी को नियंत्रित करती है। यह पांच-छह अंगुल का भाग सारा नियन्त्रण करता है और यहां समूचे शरीर का नियन्त्रण होता है।
__ जब ये तीन विकास हो जाते हैं-प्राणशक्ति का विकास, अन्तर्दृष्टि का विकास और अनुशासन (नियन्त्रण) की शक्ति का विकास- तभी स्वतंत्र व्यक्तित्व संभव है। उसके बिना स्वतंत्र व्यक्ति का निर्माण कभी संभव नहीं हो सकता। क्या हम स्वतंत्र हैं ?
हर व्यक्ति अपने आप में गर्व करता है कि मैं स्वतंत्र हूं। सभी राष्ट्र अपने आप में गर्व करते हैं कि हम स्वतंत्र हैं। सार्वभौम सत्ता हमारी स्वतंत्र है। किन्तु स्वतन्त्रता है कहां? इतने बंधे हुए हैं एक दूसरे से और इतने प्रभावित होते हैं एक दूसरे से कि स्वतंत्रता है कहां?
जस्टिस कृष्णा अय्यर ने एक बहुत महत्त्वपूर्ण बात कही थी- लोग अपेक्षा करते हैं कि न्यायाधीश स्वतंत्र रहे, निष्पक्ष रहे। पर क्या वे इस सचाई को नहीं जानते कि न्यायाधीश भी एक समाज का आदमी होता है। न्यायाधीश के परिवार होता है। उसके मित्र होते हैं, सगे-सम्बन्धी होते हैं, सलाहकार होते हैं और सबसे
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