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संवेग संवेद और नियन्त्रण की पद्धति
१५३ नहीं हो सकता। जिसके पास उपाय है, वह थोड़े समय में ही सफलता की मंजिल तक पहुंच जाता है। इसलिए उपाय को खोजें, अपनाएं और मंजिल तक पहुंचे। संवेदों पर नियंत्रण पाने का मार्ग सबके लिए कल्याणकारी है। यदि विद्यार्थी को उपाय और परिणामबोध से परिचित करा दिया जाए तो न केवल विद्यार्थी-जीवन अच्छा होगा, सामाजिक जीवन भी अच्छा होगा। इस प्रकार हम नई समाज-व्यवस्था में विद्यार्थी को एक घटक के रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं, नया मार्ग और नई दिशा उसके सामने रख सकते हैं।
अभ्यास
१. शिक्षा के साथ संवेग नियंत्रण का अभ्यास क्यों जरूरी है ? २. संवेगों का परिष्कार या नियंत्रण की प्रक्रिया क्या है ? ३. संवेग नियंत्रण के आध्यात्मिक उपाय क्या विज्ञान सम्मत है ?
४. वैज्ञानिक और व्यावहारिक दृष्टि से संवेदनाओं के नियंत्रण का क्या महत्त्व है ?
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