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४० : धर्म का तूफान
आज हम पहली बार रायसिंहनगर आए हैं। रायसिंहनगर राजनीतिक क्षेत्र कहलाता है। ऐसा कहा जाता है कि राजस्थान की राजनीति का प्रारंभ यहीं से हुआ था। वैसे राजनीति समाज की एक प्रमुख और आवश्यक नीति है, लेकिन आज उसका जो स्वरूप सामने है, वह निस्संदेह अच्छा नहीं है, स्वस्थ नहीं है। इसका एक कारण यह है कि राजनीति को योग्य पथदर्शक कम मिले हैं, पर मुख्य कारण यह है कि इस पर से धर्मनीति का अंकुश समाप्त हो गया है। यह निरंकुशता सचमुच इसके लिए अत्यंत घातक सिद्ध हुई है।
__ भारतीय संस्कृति में धर्मनीति को सर्वोच्च स्थान प्राप्त रहा है। समाज की सभी नीतियों पर धर्मनीति का अंकुश रहा है। प्राचीनकाल में बड़े-बड़े राजा-महाराजा, धनकुबेर और समाज के अधिकारी धर्मगुरुओं के अंकुश में रहते थे। धर्मगुरु राजनीति आदि नीतियों में फंसते नहीं थे, पर उनके नियंता थे। यह बहुत ही स्वस्थ परंपरा थी। यह परंपरा जब तक बनी रही, भारतीय राजनीति का स्तर कभी गिरा नहीं, पर जैसे ही यह अंकुश समाप्त हुआ, उसका स्तर गिरना शुरू हो गया, औचित्य की सीमाओं का अतिक्रमण होने लग गया, मूल्य और मानक मात्र कहने के लिए रह गए।
यह एक स्थिति है। इस स्थिति पर सभी लोगों को गंभीरता से चिंतन करना चाहिए। यदि भारतीय राजनीति को पुनः स्वस्थ बनाना है, उसके आदर्श मूल्य और मानक पुनः प्रतिष्ठित करने हैं तो धर्म का अनुशासन पुनः स्वीकार करना होगा। सच्चे धार्मिक की पहचान
___ पर अहम प्रश्न तो हमारे सामने यह है कि धर्म अपने सही स्वरूप में है या नहीं, वह समाज की दूसरी-दूसरी नीतियों पर अंकुश रखने की स्थिति में है या नहीं। लोग कहते हैं कि आज मिलावट का युग है। असली .२५४
- आगे की सुधि लेइ
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