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घर के बाहर गंदगी है तो आप स्वस्थ कैसे रह सकेंगे।
अणुव्रत व्यक्ति-व्यक्ति को सन्नागरिक बनाता है। अणुव्रत कहता है, आप इन्सानियत का पाठ पढ़ें, अच्छाई का संगठन करें, अहिंसा की शक्ति केंद्रित करें, प्रामाणिकता का परिचय दें, प्रतिकूल स्थितियों में दृढ़ रहें और अपना विवेक जाग्रत रखें। मेरी दृष्टि में ये जीवन-विकास के सूत्र हैं। आप इन्हें स्वीकार करके चलें। निश्चय ही सुख और शांति प्राप्त करने के लक्ष्य तक पहुंचने में आप सफल होंगे।
गजसिंहपुर २७ अप्रैल १९६६
जाग्रति : क्यों : कैसे
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