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श्वास का आलम्बन
अशुद्ध आलम्बन पर होने वाली एकाग्रता ध्यान है पर वह साधना के क्षेत्र में वांछनीय नहीं है ।
राग-द्वेष से मुक्त आलम्बन वाली एकाग्रता ही अध्यात्म साधना के क्षेत्र में वांछनीय है ।
ध्यान के प्रारम्भ में श्वास का आलम्बन लिया जाता है। श्वास के प्रति हमारा न राग होता है और न द्वेष । वीतराग दशा की ओर प्रस्थान करने के लिए श्वास का आलम्बन एक महत्त्वपूर्ण उपाय है।
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१५ मार्च २०००
भीतर की ओर
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