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श्वास के तीन रूप
जो विचार श्वास के साथ भीतर जाता है वह तीन मिनिट में शरीर के प्रत्येक अणु पर अपना प्रभाव छोड़ जाता है ।
श्वास की तीन क्रियाएं होती हैं
१. पूरक २. रेचक ३. संयम (कुम्भक) पूरक के समय सोचो—प्राणशक्ति भीतर जा रही है।
श्वास सयम के समय सोचो - प्राणशक्ति पूरे शरीर में व्याप्त हो गई है।
रेचक के समय मन को खाली रखो। इसका प्रयोग किसी भी गुण के विकास के लिए किया जा सकता है।
१३ मार्च
२०००
भीतर की ओर
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