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तनाव और कायोत्कर्म तनाव और शिथिलीकरण-ये दोनों आवश्यक हाते हैं। तनाव के बिना पराक्रम का प्रस्फोट नहीं होता, इसलिए विशेष प्रसंगों में तनाव की भी उपयोगिता है। किन्तु दीर्घकाल तक तनाव का रहना हानिकारक है।
कायोत्सर्ग के प्रारम्भ में लेटकर या खड़े होकर हाथ और पैर को तनाव दिया जाता है। तनाव के पश्चात् शिथिलीकरण सहज हो जाता है।
तनाव विसर्जन के लिए कायोत्सर्ग और कायोत्सर्ग की अवस्था में दीर्घश्वास का प्रयोग बहुत ही उपयोगी है।
-०३ मार्च
०३ मार्च २०००
(भीतर की ओर
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