________________
mumdanim
o
NTH
m
R
-
भावक्रिया-(a) क्रिया का क्षण वर्तमान का क्षण है। क्रिया अतीत में नहीं होती, केवल वर्तमान में ही होती है।
भावक्रिया का एक अर्थ है वर्तमान में रहना। वर्तमान में रहने का अर्थ है क्रिया के साथ भावधारा और मन का संयोजन बनाए रखना।
यदि क्रियाकाल में भावक्रिया के अनुरूप न रहे और मन अन्यन्न चक्कर लगाता रहे, इस स्थिति में क्रिया, भाव और मन का वियोजन होता है, तनाव को पैदा होने का अवसर मिल जाता है।
-
-
०४ फरवरी
२०००
-
IN
______ भीतब की ओर )
(भीतर की ओर
Ma
m
mmmmmm
Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org