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हळवळ
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उपसम्पदा
भारतीय चितन में दीक्षा का बहुत महत्त्व है। संकल्पसिद्धि और सफलता का अमोघ उपाय है। दीक्षा के साथ संकल्प की चेतना जुड़ी हुई है। प्रेक्षाध्यान का अभ्यास करने वाला व्यक्ति प्रारम्भ में उपसंपदा--प्रेक्षाध्यान की दीक्षा स्वीकार करता है।
उपसम्पदा के पांच संकल्प हैं अथवा अभ्यास के लिए पांच व्रत हैं
१. भावक्रिया २. प्रतिक्रिया विरति ३. मैनी ४. मिताहार ५. मितभाषण
एकाग्रता और निर्विचार होने की साधना पृष्ठभूमि के बिना सफल नहीं हो सकती। उपसम्पदा उसकी पृष्ठभूमि है।
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०२ फरवरी २०००
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