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मातृका-न्यास-(३) न्यास के विषय में एक और निर्देश मिलता है। तीन स्थान (नाभि कमल, हदय और मुख) पर वर्णमाला का न्यास करें।
न्यास करने के पश्चात् वर्णमाला को प्रदक्षिणा करती हुई और भ्रमण करती हुई देखें।
उस समय तक प्रत्येक स्वर और वर्ण पर ध्यान केन्द्रित करें।
यह प्रयोग भुतज्ञान के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
०८ दिसम्बर
२०००
------(भीतर की ओर
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