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स्थूल से सूक्ष्म की ओर - [१]
स्थूल से सूक्ष्म की ओर - यह ध्यान का आदि सूत्र है । कोई सीधा सूक्ष्म का आलम्बन ले, वह सफल नहीं हो सकता । प्रारम्भ स्थूल से करना होता है । अभ्यास करते-करते साधक सूक्ष्म तक पहुंच जाता है। सूक्ष्म का दर्शन होने पर स्थूल दर्शन की चेतना शून्य हो जाती है।
स्थूल जगत बहुत छोटा है। सूक्ष्म जगत बहुत विशाल है । जैसे-जैसे सूक्ष्म दर्शन की चेतना विकसित होती है, वैसे-वैसे नए विश्व का साक्षात्कार होने लग जाता है ।
१० जनवरी
२०००
भीतर की ओर
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