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आयुर्वेद और स्वास्थ्य -(a) वात, पित्त और कफ की विषमता का प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य और भावात्मक स्वास्थ्य-इन सब पर होता है। इसलिए इन दोषों की तीव्रता और मंदता के हेतुओं का ज्ञान एक साधक के लिए जरूरी है।
भारतीय भोजन षड्-रस प्रधान होता है। आयुर्वेद में उन रसों के आधार पर निदोष की मीमांसा की गई है--- कटु-तिक्त-कषाय - वायु-वृद्धि मधुर-तिक्त-कषाय - पित्त की कमी कटु-अम्ल-लवण -- पित्त की वृद्धि मधुर-अम्ल-लवण - कफ की वृद्धि कटु-तिवत-कषाय - कफ की कमी
१६ अगस्त
२०००
(भीतर की ओर)
Mawtime
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