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विचार प्रेक्षा-(१) एकाग्रता और विचार में द्वन्द्व है। यदि विचार का प्रवाह है तो एकाग्रता नहीं हो सकती और यदि एकाग्रता है तो विचार का प्रवाह नहीं हो सकता। एकाग्रता के लिए जरूरी है एक विचार पर केन्द्रित होना और विचार के प्रवाह को अवरुद्ध करना।
विचार को रोकने का प्रयत्न एकाग्रता में सहायक नहीं होता। विचार को देखना शुरू करो, प्रवाह रुक जाएगा। विचार को देखना ध्यानसाधना का एक महत्त्वपूर्ण प्रयोग है।
२६ मई
२०००
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(भीतर की ओर
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