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श्वेतवर्ण प्रधान आभामण्डल जो व्यक्ति शुक्ललेश्या प्रधान होता है उसके आभामण्डल में श्वेतवर्ण की प्रधानता होती है।
शुक्ललेश्या वाले व्यक्ति की भावधारा को समझने के लिए कुछ भावों का उल्लेख आवश्यक है
१. मन, वचन और काया की गुप्ति विशिष्ट हो जाती है।
२. चित्त सदा प्रसन्न रहता है। ३. आर्त और रौद्र ध्यान का प्रसंग नहीं आता।
४. धर्म्य और शुक्लध्यान की धारा प्रवाहित रहती है।
इन भावों के आधार पर निर्णय किया जा सकता है कि इस व्यक्ति के आभामण्डल में श्वेत रंग की प्रधानता है।
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ananesamana
२५ मई २०००
(भीतर की ओर
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