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चैतन्यकेन्द्र - [१]
आत्मा और चैतन्य पूरे शरीर में व्याप्त हैं । पूरा नाड़ीतन्त्र चैतन्य से ओतप्रोत है। फिर भी शरीर के कुछ भाग ऐसे हैं जहां चैतन्य विरल रूप में व्याप्त हैं और कुछ अवयव ऐसे हैं जहां चैतन्य सघन रूप में व्याप्त है ।
जहां चैतन्य सघन होता है वह स्थान आयुर्वेद की भाषा में मर्मस्थान और हठयोग की भाषा में चक्र कहलाता है । प्रेक्षाध्यान की पद्धति में उसे चैतन्यकेन्द्र कहा जाता है ।
२६ मार्च
२०००
भीतर की ओर
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