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आधुनिक युग एवं अपरिग्रह साथ ट्रस्टीशिप की भावना और योजना समाज-कल्याण के लिये ही है। असंतोष और अधिकार लिप्सा वैयक्तिक जीवन की अशांति के व्यक्त निदान हैं । भोग और लोभ की अदम्य कामना विश्व के समस्त पदाथों को जीवन यज्ञ के लिये हविष्य बना रही है। सामाजिक जीवन में यह व्यक्त है । यह दुर्भाग्य है कि बीसवीं सदी में जो देश जितना शक्तिशाली, धनवान और शिक्षित है, वह उतना ही अधिक शोषण, उत्पीड़न और संग्रह करने पर तुला हुआ है । उसी स्थिति में विश्व शांति पर खतरा बढ़ता ही जा रहा है । अतः अपरिग्रह विश्व शान्ति का रक्षा कवच एवं समाजवाद का स्थायी आधारतत्त्व है।
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