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________________ जागो ! क्यों नहीं जाग रहे हो ? 1 में चला आया । रेगिस्तान का कुआं बहुत गहरा था। उसमें बहुत ठंडा पानी था । मैं कुएं पर पहुंच गया पर पानी निकालने की समस्या प्रस्तुत हो गई। मेरे पास निकालने का कोई साधन नहीं था । इधर-उधर घास के पूले पड़े थे। एक रस्सी से घास के पूलों को बांधकर कुएं में लटकाया, उन्हें पानी से गीला किया, उनको ऊपर खींचा। जो थोड़ा बहुत पानी उन पूलों के साथ आया, उसे निचोड़ा, सोचा'प्यास बुझ जाए।' मैं वह बूंद-बूंद पानी पीने लगा ? सम्बोधन : रूपान्तरण भगवान् ऋषभ ने इस स्वप्न कथा का उपसंहार करते हुए कहा - जिसकी प्यास समुद्र का पानी पीने से नहीं बुझी, नदी, तालाब और झीलों का पानी पीने से नहीं बुझी, क्या उसकी प्यास इन घास के पूलों से टपकने वाली बूंदों से बुझ जाएगी । सब एक साथ बोल उठे - भगवन् ! नहीं बुझेगी, कभी नहीं बुझेगी । भगवान् ऋषभ ने कहा- अरे ! तुमने इस जन्म में कितने सुख भोगे हैं ? तुम देवलोक में भी गए हो । वहां पर तुमने प्रचुर भोगों का सेवन किया है फिर भी तुम्हारी तृष्णा नहीं बुझी । क्या छोटा-मोटा राज्य पाकर तुम्हारी तृष्णा बुझ जाएगी ? I पुत्रों ने कहा- नहीं बुझेगी । तुम इस छोटे राज्य को छोड़ो। मैं तुम्हें बड़ा राज्य दे रहा हूं । भगवान् के इस कथन से सारे भाई हर्षोत्फुल्ल हो उठे । उनकी चेतना का रूपान्तरण हो गया । वे जिस समस्या को लेकर आए थे, वह समस्या समस्या नहीं रही । उनकी चेतना समाहित हो गई । भगवान् ने कहा- जागो ! तुम क्यों नहीं जाग रहे हो ? क्यों नहीं समझ रहे हो ? सबुज्झह किं न बुज्झह संबोहि खलु पेच्च दुल्लहा । णो हूं वणमंति राइओ, णो सुलभं पुणरावि जीवियं ॥ ५५ पदार्थ का मिलना सुलभ है, राज्य का मिलना सुलभ है पर समझ का मिलना, संबोधि का मिलना दुर्लभ है। ये रातें बीतती चली जा रही हैं। जीवन भी घटता चला जा रहा है । तुम समझो ! जागो ! समाधान सनातन प्रश्न का भगवान् के इस संबोधन से वे सारे उद्बुद्ध हो गए, समस्या का समाधान हो गया। वे पूरी स्वतंत्रता में आ गए। अधीनता का प्रश्न समाप्त हो गया । अट्ठानवें Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003093
Book TitleRushabh aur Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2002
Total Pages122
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size5 MB
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