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७ जीवन में उतावले न हों, जल्दबाजी को निकाल दें। ऐसा
काम न करें जिससे सांस को धक्का लगे । कैसी ही परिस्थिति क्यों न आए सांस को आघात न पहुंचने दें। दिमाग को ठण्डा रखें। हर परिस्थिति में कहें ठीक है। ठीक है शब्द एक रामबाण औषधि है । जिससे शान्ति और आनन्द में रह सकते हैं। ८ जब काम बहुत है और समय कम है तो मनुष्य क्या करे ? धैर्य रखे जो ज्यादा उपयोगी माने उसे पूरा करे और बाकी ईश्वर पर छोड़ दे। ६ अल्लाह सब्र करनेवालों से मुहब्बत रखता है। १० आज के युग में सबसे बड़ी बीमारी है-- उतावलापन । ११ धीमी श्वास धीरज की निशानी है ।
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योगक्षेम-सूत्र
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