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तानसेन । दानवीरता-कर्ण की। भ्रातृप्रेम-भरत । कोमलतालता। कर्त्तव्यपालन-चींटी। परोपकार-पेड़, नदी। दयाअशोक । ब्रह्मचर्य-भीष्म का। गुरुभक्ति में एकलव्य । पितृभक्ति-सुभाष । सादगी-विनोबा। बलिदान-ईसा। कवितामैथिलीशरण गुप्त । तीरविद्या-अर्जुन। स्वाभिमान-महाराणा प्रताप । स्वामिभक्ति-भामाशाह। दृढ़ता-ध्रुव । निश्छलताबालक । सत्य-हरिश्चंद्र । आज्ञाकारिता-राम । नारीत्व-सीता।
शरणागतरक्षा-हमीर । सच्ची भक्ति-प्रह्लाद । १२ बाल्यावस्था से निश्चिन्तता, यौवन से कार्य-परायणता और
वृद्धत्व से शान्तवाहिता सीखो।
योगक्षेम-सूत्र
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