________________
१२ उत्तेजित आहार और उद्विग्न चिन्तन स्नायु संस्थान को
संतप्त करके मनुष्य को दुर्बल बनाता है और पूरी आयु भोगने
से वंचित रखता है। १३ हंसमुख स्वभाव दीर्घ आयु का सर्वोत्तम साधन है। १४ जिन्हें लम्बी जिन्दगी जीनी हो तो बिना कड़ी भूख लगे कुछ
भी न खाने की आदत डालें। १५ जो बुरे विचारों में घुले रहते हैं उनके ग्रंथिसमूह को
अतिरिक्त श्रम करना पड़ता है, फलतः उनकी आयु कम हो
जाती है। १६ प्रसन्नचित्त लोग चिरकाल तक जीते हैं। १७ दीर्घायु के लिए खीज और उत्तेजना को अपने आप पर हावी
न होने देना चाहिए, शोरगुल, झगड़ों, वाद विवाद और नींद
की गोलियों से बचना चाहिए। १८ परस्पर मुस्कान, प्रशंसा, नेक कामना, दया, स्वागत- सेहत
के महत्त्वपूर्ण कारक हैं । जो कोई बड़बड़ाता है, गुस्सा करता है वह समय से पहले बूढ़ा हो जाता है।
१४२
योगक्षेम-सूत्र
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org