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अच्छे विचार रखना भीतरी सुन्दरता है
१ अपने विचारों पर नजर रखिए, वे शब्द बन जाते हैं, अपने शब्दों पर नजर रखिए वे कर्म बन जाते हैं, अपने कर्मों पर नजर रखिए वे आदत बन जाते हैं, अपनी आदतों पर नजर रखिए वे चरित्र बन जाते हैं, अपने चरित्र पर नजर रखिए क्योंकि वह आपकी नियति बन जाती है ।
२ जिसका सोचने का तरीका ठीक होगा उसे कोई भी परिस्थिति या किसी का दुर्व्यवहार दुःखी नहीं कर सकता । सुखी रहना चाहते हो तो ठीक से विचार करना सीखो।
३ अच्छा विचार जीवन का आलोक है ।
४ सात्विक विचार का आना, मूर्च्छा का टूटना है ।
५ अच्छे विचारों के उमड़ने से शरीर में स्वास्थ्यवर्धक और आरोग्यवर्धक रस उत्पन्न होते हैं जो रक्त में मिलकर स्वास्थ्यपोषक रस उत्पन्न करते हैं । उसी प्रकार खराब विचार विष उत्पन्न करते हैं ।
६ पवित्र विचारों से ऊर्जा बढ़ती है, आभामण्डल पवित्र हो जाता है, बुरे विचारों से ऊर्जा घटती है, आभामंडल मलिन हो जाता है ।
७ बुरे विचार बुरे संस्कारों के कारण पैदा होते हैं ।
८ जो तुम्हें बुरा लगता है उसका समर्थन, अनुमोदन भी न करो ।
& प्रेम से देखने का मतलब है भीतर नई शक्ति आ रही है । बुरी भावना, आवेग से जुड़े रहने के समय लगेगा भीतर से खाली, कंगाल बन रहे हैं, अपवित्र बन रहे हैं ।
१० मनुष्य जो भी होना चाहे, हो सकता है । मनुष्य का विचार ही उसका व्यक्तित्व है, उसका निर्णय ही उसकी नियति है,
योगक्षेम-सूत्र
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