________________
१२ साधना में दूसरों से आदर पाने की आकांक्षा उसका अनादर
है। मुहम्मद ने कहा है----जब तुम प्रार्थना करो तो तुम्हारी पत्नी को भी पता न चले । जीसस ने कहा---एक हाथ से दान
दो, दूसरे हाथ को खबर न हो, यही सच्चा सम्मान है। १३ जिसकी आंखों में परमात्मा झांकता है वह हल्का होता है
और जिसकी आंखों में शैतान झांकता है, वह भारी होता
है। १४ ईश्वर का दर्शन और अनुग्रह दुर्बल दुरात्माओं के लिए संभव
नहीं। उसे उपलब्ध करना मात्र तपस्वी और विवेकवानों के लिए ही संभव है।
१०८
योगक्षम-सूत्र
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org