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६ क्षोभ के कारण शारीरिक पोषण में निश्चित रूप से रुकावट
या व्यक्तिक्रम आता है। इसके कारण रक्तवाहिनी नलियां असामान्य रूप से फैलती और सिकुड़ती हैं। ७ चिन्ता मानसिक अस्त-व्यस्तता का प्रधान लक्षण है। ८ जो मनुष्य अपने दुःखों को गाता है, वह उसे चौगुना बढ़ाता
६ ध्यान करने से चिन्ता में कमी तथा मन में एक प्रकार की
शान्ति स्थापित हो जाती है। १० चिढ़ो मत, ऊबो मत, झुंझलाओ मत, खीझो मत, अहंकार के
भाव न मन में आने दो और न जीभ पर । ऐसा कर सको तो याद रखो-तुम्हारे बहुत से दुःख और संकट अपने-आप ही दूर हो जाएंगे।
योगक्षम-सूत्र
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