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अस्तित्व और अहिंसा
पचीस प्रतिशत बढ़ गई है । जितनी कार्बन-डाई-आक्साइड की मात्रा बढ़ती है उतना ही वातावरण भयंकर हो जाता है, तापमान बढ़ जाता है । इतनी गैसें जलाई जा रही हैं कि जिनके कारण वातावरण कार्बन डाइ आक्साइड से भर गया है । ओजोन की छतरी, जो एक सुरक्षा कवच है, टूटती चली जा रही है। कुछ देशों के इन करतबों का परिणाम सारे विश्व पर पड़ रहा है । क्यों बिगड़ रहा है सन्तुलन ?
यह सारी स्थिति एक प्रलय की स्थिति है । क्या इस सन्दर्भ में हम यह न कहें- हिंसा मृत्यु है ? क्या यह कहें — हिंसा मृत्यु नहीं है ? जिस स्थिति में एक आदमी का नहीं, दो-तीन-चार का नहीं किन्तु पूरे जगत् का विनाश छिपा है, क्या उसको मृत्यु कहना अतिशयोक्ति है ? एस खलु मारे हिंसा मृत्यु है - इस वाक्य को इस वैज्ञानिक संदर्भ के साथ पढ़ें तो लगेगायह कितना व्यापक सूत्र है । बिना सन्दर्भ यह सूत्र सामान्य लगता है किन्तु विज्ञान के सन्दर्भ में यह सूत्र अत्यन्त महत्वपूर्ण बन जाता है । यह पर्यावरणविज्ञान का सूत्र है । पर्यावरण का सन्तुलन बिगड़ा और संसार के लिये मौत का निमंत्रण आ गया । प्रश्न है - यह सन्तुलन क्यों बिगड़ रहा हैं ? इसका कारण है— मनुष्य में असंयम बढ़ गया है । वह इतना धन चाहता है, इतना सुख चाहता है, इतनी सुविधा चाहता है कि उसके लिए सब कुछ करने को तैयार है । वनों की कटाई क्यों हो रही है ? पैसे के लोभ के कारण वन कट रहे हैं। बड़े-बड़े ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से निषिद्ध वन खुले आम काटे जा रहे हैं । कोई रोकने वाला नहीं है, कोई टोकने वाला नहीं है । इधर भी पैसे का लोभ है और उधर भी पैसे का लोभ है । यह धन का लोभ, यह असंयम, वनों को नष्ट कर रहा है। इसका परिणाम है ऑक्सीजन की कमी और कार्बन की अधिकता ।
पर्यावरण-विज्ञान : अहिंसा
असंयम के कारण ही खनिज का अतिरिक्त दोहन हो रहा है । इस वैज्ञानिक युग में जीने वाले वैज्ञानिक और भौतिक मनुष्य क्या भविष्य की - कल्पना नहीं करते ? क्या खनिज का अतिरिक्त दोहन कर वे भावी पीढ़ियों को दरिद्र नहीं बना रहे हैं ? जो खनिज सम्पदा हजारों वर्ष तक काम आ सके, यदि वह सौ वर्षों में समाप्त हो जाए तो क्या स्थिति होगी ? आने वाली पीढ़ी रोएगी । वह कहेगी – हमारे पूर्वजों ने हमारे साथ क्या किया, हमें बिलकुल दरिद्र और निकम्मा बना दिया ।
पर्यावरण- विज्ञान का एक सूत्र है— लिमिटेशन | पदार्थ की सीमा है । कोई भी पदार्थ असीम नहीं है । क्या पदार्थ की सीमा का यह सूत्र संयम का सूत्र नहीं है ? पर्यावरण विज्ञान का दूसरा महत्त्वपूर्ण सूत्र है - पदार्थ सीमित
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