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णातीतमट्ठ ण य आगमिस्सं, अट्ठं नियच्छंति तहागया उ एयाणुपस्सी, णिज्झोसइत्ता खवंगे महेसी ॥
विधूतकप्पे
• का अरई ? के आणंदे, एत्थंपि अग्गहे चरे । सव्वं हासं परिच्चज्ज, आलीणगुत्तो परिव्वए ॥
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प्रवचन १७
अट्टे भाणे चउविहे पण्णत्ते
० संयोग-वियोग का चक्र
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• सुख-दुःख का अग्रहण
• जो पकड़ता है, वह दुःखी होता है
• हम अनजान हैं पकड़ से
० मानसिक तनाव का कारण है पकड़
• प्रश्न है आदत का
• समस्या है ग्रहण
• अग्रहण की आदत डालें
अग्रहण की साधना-पद्धति
ग्रहण करें, निकाल दें
कल्पना का भेदन करें वर्तमान की अनुपश्यना करें
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• उदाहरण की भाषा
श्वास : निश्वास
अर्जन : विसर्जन
संकलिका
आहार : नीहार ग्रहण : रेचन
• आर्त्तध्यान : मानसिक तनाव
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(आयारो ३ / ६०-६१ )
( ठाणं ४ / ६१ )
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