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• प्रस्तुत पुस्तक तुलनात्मक अध्ययन में प्रवृत्त व्यक्तियों को एक नई दिशा की ओर अभिप्रेरित करती है।
इसमें उपलब्ध है तुलनात्मक अध्ययन की एक अभिनव संकेत-लिपि। • इस ग्रंथ के प्रणेता हैं युवाचार्य श्री महाप्रज्ञ।
अनेकान्त के आलोक में शाश्वत और सामयिक सचाइयों को अनावृत करने वाला महाप्रज्ञ का यह उपक्रम एक महान अवदान है, जिसमें एक ओर बिखरी हुई सचाइयों को एक स्थान पर सहेजा गया है तो दूसरी ओर विचार भेद-जनित समस्या, तनाव एवं संघर्ष की समाप्ति के मार्ग निर्देशक तत्व संदर्शित हैं, विचार भेद से प्रस्फुटित होने वाली विकास और सृजन की अभिप्रेरणा की प्रस्तुति है। • विश्वास है- विचार के विभिन्न स्रोतों का उद्घाटन करने वाला महाप्रज्ञ का यह मौलिक सृजन वैचारिक समस्या से दिग्भ्रान्त बने मनुष्यों को समाधान की राह देगा, तुलनात्मक अध्ययन की एक नई धारा का सूत्रपात करने में सफल प्रयत्न सिद्ध होगा। २१ अगस्त ९१
मुनि धनंजय कुमार जैन विश्व भारती लाडनूं (राज.)
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