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________________ अहिंसा की समस्याएं शोषण, गरीबी, बेकारी, तनाव और शस्त्रीकरण- आज की सार्वभौम समस्याएं हैं। राजनीतिक जीवन-प्रणालियों के आधार पर इनके समाधान खोजे गए हैं और खोजे जा रहे हैं। पर समस्याएं आज भी विकट हैं । समस्याएं परिस्थिति की उपज हैं और समाधान भी परिस्थिति में ही खोजा जा रहा है। परिस्थिति को अस्वीकार करने का कोई कारण नहीं है । वह प्रत्यक्ष सत्य है । उसे झुठलाया नहीं जा सकता । I हिंसा और अहिंसा दो खेमे बन गए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों एक-दूसरे को परास्त करने की प्रतीक्षा में है। यह अच्छी स्थिति नहीं है । ये दोनों एकांगी दृष्टिकोण हैं । एकांगिता में सचाई नीचे चली जाती हैं और संघर्ष उभरकर सामने आ जाता है । आज वास्तव में ही हिंसा और अहिंसा के बीच संघर्ष है । यह वांछनीय नहीं है । हिंसा जीवन की अनीवार्यता है, यह सर्वसम्मत सत्य है । क्या अहिंसा जीवन की अनिवार्यता नहीं है ? हिंसा के बिना जीवन चल ही नहीं सकता, एक दिन भी नहीं चल सकता। हम इस सचाई को न भूलें कि हिंसा अहिंसा के कंधे पर चढ़कर ही चल रही है। हिंसा और अहिंसा दोनों हैं यह समस्या नहीं है । समस्या यह है कि हिंसा जितनी मात्रा में चल रही है, उतनी मात्रा में अनिवार्य नहीं है । अहिंसा जितनी मात्रा में अनिवार्य है, उतनी मात्रा में वह नहीं है । यह मात्रा का असंतुलन है, इसे संतुलित करना आज की जरूरत है । अहिंसा में आस्था रखने वाले इस कार्य में लगें, यह आज की मांग है । हिंसा और अहिंसा का असंतुलन अंतर्राष्ट्रीय जगत् पैदा कर रहा है। हिंसा की संहारक शक्ति बहुत बढ़ गई है। अहिंसा के छोटे-मोटे प्रयत्न उसे कम कर सकें, यह संभव नहीं है । हिंसा को बढ़ावा देने के लिए जितने प्रयत्न हो रहे हैं, उनकी तुलना में अहिंसा के विकास के लिए होने वाले प्रयत्न नगण्य हैं। हिंसा में जितना आकर्षण हैं, उतना अहिंसा में नहीं है । पर उसके प्रति हमारा सबसे बड़ा आकर्षण यह है कि उसके बिना मनुष्य जाति का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाता है। खतरा जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे अहिंसा के प्रति ध्यान For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International
SR No.003081
Book TitleMeri Drushti Meri Srushti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2000
Total Pages180
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Discourse, & Spiritual
File Size8 MB
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