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जीवन के नये मूल्य । ६१ चाहते हैं, हमारा समाज और राष्ट्र तेजस्वी रहे। पर उसके लिए इन्द्रियसंयम का पुनर्मूल्यन अपेक्षित है।
समाज को शक्तिशाली रखना है, व्यवहार को सुशृंखलित रखना है, सरसता को बनाए रखना है और व्यक्तिगत स्वतन्त्रता की लौ को प्रज्वलित रखना है तो उन पुराने मूल्यों को नया रूप देना ही होगा।
आज के समाज के लिए नये मूल्य होंगे--स्वतन्त्रता, शिष्टता, पारस्परिक विश्वास और संयम-शक्ति।
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