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विवेक
विवेकका अर्थ है पृथक्करण । भलाई और बुराई दो हैं। विवेक इन्हें बाँट देता है। कोई आदमी आज भला है पर वह पूर्वसंचित बुराईका फल भोगता है। प्रश्न हो सकता है -
यह क्यों ? इसका उत्तर यही है कि विश्वकी व्यवस्थामें विवेक है। कोई आदमी आज बुरा है पर वह पूर्वसंचित भलाईका फल भोगता है तब सन्देह होता है। उसके समाधान के लिए यह पर्याप्त है कि विश्वको व्यवस्थामें विवेक है।
भाव और अनुभाव
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