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कला
कला आखिर वस्तु क्या है ? आकर्षक शक्तिका जो अंश है, वहो तो कला है। प्रकृतिमें कला है, चैतन्यमें भी। आचारमें कला है, विचारोंमें भी। सत्के कण-कणमें कलाकी अभिव्यक्ति है। सबसे बड़ी कला है दूसरोंके हृदयका स्पर्श करना । उस कलाका मूल्य कैसे आँका जाये जो दूसरोंके हृदय तक पहुँच ही नहीं सकती।
भाव और अनुभाव
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