________________
यह कैसा आश्चर्य? पत्रकार-सम्मेलनमें अपनी चंचलतापर प्रकाश डालते हुए लक्ष्मीने कहा, "मैं तबतक एक जगह नहीं रह सकती, जबतक मुझे सहृदय स्थान न मिल जाये।" एक पत्रकारने चुटकी लेते हुए कहा, "मातर् ! तुम्हारे पास आते ही हृदय कूच कर जाता है फिर यह अन्वेषण कैसा ?"
भाव और अनुभाव
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org