________________
अंकनका माध्यम
आज मनुष्यके अंकनका साधन उसका अच्छा या बुरा आचरण नहीं रहा है। वह धार्मिक या राजनैतिक सम्प्रदायके लेबलसे आँका जाता है। आस्था और सुझाव अपना-अपना अलग होता है । पर दूरीसे सन्देह बढ़ता है और सम्पर्कसे प्रेम ।
बात साधारण है पर है श्रेष्ठ ।
भाव और अनुभाव
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org