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१५६ : एसो पंच णमोक्कारो
ध्यान-विघ्न के रक्षण
अष्ट दल कमल की मध्य कर्णिका में सूर्य के तेजस्वरूप को स्थापित करें। 'ॐ नमो अरहंताणं'-इस मन्त्र को पूर्व आदि चारों दिशाओं तथा विदिशाओं में आठों दलों पर स्थापित करें। इसका प्रत्येक
दिशा-विदिशा में एक-एक दिन में ग्यारह सौ बार जाप करें। • ध्यान में आने वाले सारे विघ्न शान्त होंगे।
नोट-इहलौकिक सिद्धि के लिए इस मन्त्र का ॐ पूर्वक ध्यान । आध्यात्मिक सिद्धि के लिए 'ॐ' के बिना ध्यान ।
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