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१०८ : एसो पंच णमोक्कारो
है। शाश्वत के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता, कोई परिवर्तन नहीं हो सकता। साधक धैर्य रखें, प्रतीक्षा करें, उतावले न हों। जो लक्ष्य चुना है, जीवन का ध्येय बनाया है, उस पर पूरे आत्म-विश्वास के साथ चलें, धैर्य से चलते जाएं, शक्ति का विकास करें। ऐसी स्थिति में निश्चित ही एक दिन लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे।
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