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समयसार : निश्चय और व्यवहार की यात्रा दूरी मिटती है, वैसे-वैसे अज्ञान मिटता चला जाता है, चंचलता मिटती चली जाती है, जीवन की दिशा बदलती जाती है। इस स्थिति में जीवन में ऐसे अनेक नए आयाम खुल जाते हैं, जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
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