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२२ / मुक्त भोगं की समस्या और ब्रह्मचर्य से एक रास्ते का चुनाव हो सकता है। किन्तु तीसरे रास्ते का चुनाव तो सर्वथा नहीं हो सकता। वह हमारे लिए सर्वथा वर्जनीय होता है। आवश्यक है ब्रह्मचर्य का ज्ञान
ये प्रश्न हैं सेक्स के विषय में । इन प्रश्नों पर बहुत आवश्यक है चर्चा । क्योंकि यह स्थिति आज के वातावरण में बहुत जटिल बनती जा रही है। और विशेषत: युवकों में, युवतियों में, बच्चों में बहुत जटिल बनती जा रही है। क्योंकि इस बारे में उन्हें कोई ज्ञान नहीं है, कोई प्रशिक्षण नहीं है और कभी-कभी प्रशिक्षण की बात चलती है तो प्रशिक्षण में भी संकोच करते हैं। यह संकोच जैसी बात तो नहीं है। बच्चों में बहुत बुरी आदतें न पड़े क्योंकि बचपन से ही कुछ प्राकृतिक, अप्राकृतिक स्थितियां बनने लग जाती हैं । अप्राकृतिक ढंग से वीर्य का नाश करने वाला व्यक्ति सचमुच पागलपन की स्थिति में आ जाता है और शून्य हो जाता है। शक्तियां उसकी चुक जाती हैं और फिर उसकी स्नायविक दुर्बलता हो जाती हैं। उसकी वश की बात नहीं रहती। यदि प्रारम्भ से ही बच्चों को उसके प्रति सावधान किया जा सके तो इसके अच्छे परिणाम आ सकते हैं। इसमें अहित नहीं होता, हित की बात ही आती है किन्तु लोग समझते हैं कि यह लज्जा का विषय है । लज्जा का विषय क्या है ? ज्ञान होने पर उनके हित और कल्याण की बात है और ज्ञान न होने पर शायद ज्यादा अहित की बात हो सकती है। इन सारे पहलुओं से इस विषय पर हम चिन्तन करें। यह विषय सचमुच हमारे लिए बहुत उपयोगी है।
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