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________________ संतुलित आहार २०७ कटु रस का संतलन बना हुआ है, क्योंकि वह जीभ को कम मान्य है । दो रस और बचते हैं—तीखा और कषैला । ये रस भी कम खाए जाते हैं। दोनों वायु की वृद्धि करते हैं । तीखा यानी चटपटा । कटु, तिक्त और कषायइन तीनों रसों का प्रयोग औषधियों के निर्माण में अधिक होता है । मधुर, अम्ल और लवण-इन्हीं तीन रसों का प्रयोग भोजन में ज्यादा होता है। जहां संतुलन की बात आई, वहां यह बताया गया--यदि संतुलन करना है तो थोड़े-थोड़े कषैले द्रव्य का सेवन भी होना चाहिए । मधुर, अम्ल और लवण-इन तीनों रसों पर हम ध्यान दें और यह संतुलन बनाएं-इनका अति मात्रा में सेवन नहीं करना है या प्रतिदिन सेवन नहीं करना है। यदि प्रतिदिन भी करते हैं तो इनकी मात्रा को कम करना है | यदि यह संतुलन हो जाएगा तो फिर वात, पित्त और कफ का संतुलन भी बना रहेगा । आयुर्वेद की सार्थकता संतुलित आहार का यह छोटा-सा लेखा-जोखा है। हमारे मन को प्रभावित करते हैं-वात, पित्त और कफ । उनकी वृद्धि या हानि होती है रसों के आधार पर, द्रव्यों के आधार पर । रसों के संतुलन से ये तीनों संतुलित रहते हैं । जब ये संतुलित रहते हैं तब हमारा शरीर भी स्वस्थ रहता है, मन भी स्वस्थ रहता है। शरीर और मन को स्वस्थ रखने की प्राचीन प्रक्रिया पर यह थोड़ी संक्षिप्तसी चर्चा है । आज का युग तो वात, पित्त और कफ का नहीं, जर्स और वाइरस का है । डॉक्टर भी इन्हीं दो तत्त्वों पर ध्यान देते हैं, वात, पित्त और कफ के बारे में उन्हें भी ज्यादा जानकारी नहीं है | कभी-कभी मैंने इस बात को सुना है और इससे मुझे आश्चर्य भी हुआ है कि डॉक्टर अपने परिवार के लोगों को ऐलोपैथी दवा कम देते हैं। उनकी चिकित्सा आयुर्वेद या होमियोपैथिक से कराते हैं । इससे यह स्पष्ट होता है-आयुर्वेद के सिद्धान्त, जो शरीर और मन के संदर्भ में निर्धारित किए गए हैं, वे अर्थहीन नहीं है । इनकी सार्थकता को समझना आज के युग में भी आवश्यक है । यदि इन बातों को समझ कर इनका प्रयोग करना शुरू करें तो निश्चय ही शारीरिक और मानसिक-दोनों दृष्टियों से लाभ उठाया जा सकता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003069
Book TitleAmantran Arogya ko
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1999
Total Pages236
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Food
File Size9 MB
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