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________________ ३५. निद्रा, अनिद्रा और अतिनिद्रा समस्या अनिद्रा और अतिनिद्रा की स्वास्थ्य और साधना—इन दोनों दृष्टियों से नींद पर विचार करना बहुत जरूरी है । जैसे भोजन हमारे लिए जरूरी है, वैसे ही नींद भी हमारे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है । भोजन कितनी मात्रा में किया जाए, यह एक प्रश्न है । नींद कितनी मात्रा में ली जाए, यह भी एक प्रश्न है । एक भाई ने कहा-मुझे नींद नहीं आती । अनिद्रा एक समस्या है | एक बहन ने बताया—मुझे नींद बहुत आती है । पढ़ने बैलूं तो नींद, सामयिक करने बैलूं तो नींद, ध्यान करूं तो नींद । ज्यादा नींद आना भी एक समस्या है । अनिद्रा भी एक समस्या है और अतिनिद्रा भी एक समस्या है । इन दोनों स्थितियों से कैसे बचा जा सकता है? एक प्रश्न है-नींद क्या है ? आयुर्विज्ञान का मत है—शरीर में विष जमा हो जाता है, थकान हो जाती है । उसी विष को निकालने के लिए नींद आती है | आयुर्वेद का मत है—निद्रा श्लेष्म तमो भवाः । नींद के दो कारण हैं—एक शारीरिक और दूसरा मानसिक । शारीरिक कारण है- श्लेष्म, कफ और मानसिक कारण है—तमोगुण | तमोगुण बढ़ता है तो नींद अधिक आती है, श्लेष्म बढ़ता है तो नींद अधिक आती है । अनिद्रा के कारण प्रश्न है अनिद्रा का कारण क्या है ? आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रन्थ सुश्रुत के अनुसार अनिद्रा के पांच कारण हैं (१) वायु का प्रकोप (२) पित्त का प्रकोप Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003069
Book TitleAmantran Arogya ko
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1999
Total Pages236
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Food
File Size9 MB
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