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सापेक्ष सत्य
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का कार्य कर रहे होते हैं। यह महावीर का एवम्भूत नय है। ___ हम सापेक्ष सत्यों के जगत् में जीते हैं, इसीलिए उनकी व्याख्या हमारे लिए अधिक मूल्यवान है। उसका मूल्यांकन कर हम अनेक समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। सब समस्याओं का स्रोत है-आग्रह का संरोहण। आग्रह असत्य हो जन्म देता है और असत्य समस्याओं को। सापेक्षदृष्टि का प्रतिपादन भारतीय विचारधारा को महावीर की बहुत बड़ी देन है। इससे अनाग्रह का विकास होता है। अनाग्रह से सत्य का स्पर्श और सत्य के स्पर्श से समस्याओं का समाधान होता है।
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