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________________ २०४ मैं : मेरा मन : मेरी शान्ति एक आदमी पत्थर से ठोकर खाकर चोट खा लेता है। पत्थर का योग अल्पकालीन होता है किन्तु उसका परिणाम दीर्घकाल तक रह जाता है। निमित्तों, हेतुओं या कारणों की समुचित उपस्थिति में वस्तु को नया आकार प्राप्त होता है। वह बहुत स्पष्ट और स्थूल होता है, इसलिए उसे हम परिवर्तन कहते हैं। परिवर्तन के दो बीज हैं-उपादान और हेतु। क्षमता-बीज परिस्थिति का योग पाकर अंकुरित हो जाते हैं। परिस्थिति का योग पाए बिना क्षमता-बीज अंकुरित नहीं होते। जो क्षमता-बीज नहीं हैं, वे परिस्थिति का योग होने पर भी अंकुरित नहीं हो सकते। बीज और परिस्थिति दोनों का उचित योग होने पर ही परिवर्तन होता है। सूर्य की गरमी से धरती तप उठती है किन्तु आकाश नहीं तपता। जिसमें ताप-ग्रहण की क्षमता नहीं है, वह सूर्य की उपस्थिति में भी नहीं तपता। धरती में ताप-ग्रहण की क्षमता है पर वह सूर्य की अनुपस्थिति में नहीं तपती। परिस्थिति केवल बाह्य वातावरण या परिवेश ही नहीं है। वह बाह्य और आन्तरिक दोनों वृत्तों के धागों से अनुस्यूत होती है। हर वस्तु का अपना स्वभाव होता है। अंगूर में जो मधुरता है, वह मिर्च में नहीं है और मिर्च में जो तिक्तता है वह अंगूर में नहीं है। परिस्थिति के पट का एक तन्तु है-स्वभाव की मर्यादा। ____ बजरी का पाक चौमासे में होता है तो चना सर्दी में पकता है। चने की बुआई आषाढ़ में और बजरी की बुआई मिगसर में नहीं होती। परिस्थिति के पट का दूसरा हेतु है-काल की मर्यादा। घर में बिजली है। उसमें प्रकाश देने की क्षमता भी है। किन्तु बटन दबाने को कोई हाथ नहीं उठता है तो बिजली के होने पर भी प्रकाश नहीं मिलता। परिस्थिति के पट का तीसरा तन्तु है-प्रवृत्ति या पुरुषार्थ की मर्यादा। मनुष्य में प्रकाश का संस्कार संचित है, इसीलिए वह अंधकार में प्रकाश का संरक्षण चाहता है। संस्कार भावी उपलब्धि के दरवाजे को खटखटाता ही नहीं, खोल भी देता है। परिस्थिति के पट का चौथा तन्तु है-संस्कार या भाग्य की मर्यादा। यह विश्व कुछ सार्वभौम नियमों से बंधा हुआ है। उनका Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003068
Book TitleMain Mera Man Meri Shanti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2000
Total Pages230
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Discourse, & Spiritual
File Size9 MB
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