________________
सप्ताह दो-दो प्रवचन के क्रम से चार सप्ताह के प्रवचनों की निष्पत्ति है— महावीर का अर्थशास्त्र ।पुस्तक का नाम अटपटा अवश्य है, पर इसमें विवेचित विषय अर्थशास्त्रीय अवधारणाओं में मील के पत्थर बन सकेगें, ऐसा विश्वास है। ___ अर्थशास्त्र की तरह राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र आदि के बारे में महावीर की अवधारणाओं का प्रकाश संसार को मिले, इस ओर भी महाप्रज्ञजी को ध्यान देना है और अपने नए चिन्तन से जिज्ञासु लोगों लाभान्वित करना है। .
अध्यात्म साधना केन्द्र १३ सितम्बर १९९४
गणाधिपति तुलसी
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org