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________________ अहिंसा की शक्ति की ओर ले जायेंगे, नहीं तो मानव-जाति खतम हो जाएगी । ईश्वर अगर अनिवार्य है । इसलिए संहार नहीं चाहता तो अहिंसक समाज रचना मुझे विश्वास है कि दुनिया आज अहिंसा की तरफ है । तेजी से आगे बढ़ रही गांधीजी की मृत्यु के बाद बहुत सन्देश आये। उनमें जनरल मैकआर्थर का सन्देश था कि 'किसी-न-किसी दिन दुनिया को गांधीजी की बात ही सुननी पड़ेगी । उसके बिना कोई चारा नहीं ।' उसे ऐसा बोलना पड़ रहा है, क्योंकि अणु-अस्त्रों के कारण एक विनिष्ट परिस्थिति निर्मित हुई है । अतएव हिंसा आज बीते जमाने की चीज हो गई है और गांधीजी की अहिंसा की बात हमारे जमाने के बिलकुल अनुकूल है । इसलिए अब यदि हम अपनी सामाजिक और आर्थिक आजादी के सवाल अहिंसा की शक्ति से हल करें, तो दुनिया में निःशस्त्र प्रतीकार असरकारक साबित होगा और दुनिया को एक मार्ग मिल जाएगा। आज हिंसा कर करके थकी दुनिया उसे छोड़ने को तैयार हो जाए, ऐसी परिस्थिति है । इसलिए हमें अहिंसा का चमत्कार सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में करके बताना है। सामाजिक सवाल अहिंसा से हल हो सकते हैं, ऐसी प्रतीति दुनिया को करानी है। गांधीजी के नेतृत्व में अहिंसा के मार्ग से स्वराज्य प्राप्त किया है, उसके बाद अब हमें यह काम करना है । Jain Education International २७ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003066
Book TitleAhimsa Vyakti aur Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1992
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Principle, & Religion
File Size10 MB
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