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अहिंसा : व्यक्ति और समाज
हो सकता है । यह हमारे चितन का केन्द्रीय बिन्दु बनना चाहिए। कोई अन्य कार्यक्रम भी प्रस्तावित किया जा सकता है । सबसे बड़ी बात है अहिंसा की आस्था को पुष्ट करना । अहिंसा की आस्था का अर्थ है- विश्व - शान्ति को पोषण देना । हम सब इस दिशा में प्रयत्नशील बनें ।
हमारा प्रयत्न सार्वभौम और जागतिक हो । अहिंसा सार्वभौम का कार्य आगे बढ़े - यही मंगल कामना है ।
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