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________________ स्वस्थ समाज-रचना का संकल्प सामाजिक मूल्य विकसित होते हैं तो व्यक्ति सुख और शांति के साथ जीता है । सामाजिक मूल्य विघटित होते हैं तो अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए चिन्ता होना स्वाभाविक है । पर चिन्ता यथार्थ की होनी चाहिए, उपायात्मक होनी चाहिए। केवल चिन्ता के लिए चिन्ता नहीं। कभी-कभी अर्थहीन चिन्ता हो जाती है, केवल तार्किक चिन्ता हो जाती एक बार दो मूर्ख आपस में बात कर रहे थे । बात चल पड़ी तर्कशास्त्री की। तर्कशास्त्र का नियम बताया गया कि आदमी मरणधर्मा है । जो जन्म लेता है वह मरता है। यह एक निश्चित व्याप्ति है। दूसरा मूर्ख बोला"यह बड़ी समस्या है । यदि सब आदमी मरने वाले हैं तो अन्त में मरेगा उसे श्मशान कौन ले जाएगा ?" ___ यह चिन्ता तो है, किन्तु अर्थहीन चिन्ता है, केवल तार्किक चिन्ता है। हमारी चिन्ता सार्थक चिन्ता होनी चाहिए, उपायात्मक होनी चाहिए। चिन्ता की निष्पत्ति उपाय में आए। समाज के मूल्य अधिक नहीं हैं। केवल तीन मूल्य है-अहिंसा, सत्य और अपरिग्रह । समान-रचना के ये तीन आधार हैं और ये तीन सामाजिक मूल्य हैं । अहिंसा के बिना समाज नहीं बनता। सत्य के बिना भी समाज नहीं बनता और अपरिग्रह के बिना भी समाज नहीं बनता।। हिंसक आदमी समाज बना नहीं पाता । समाज-रचना के इन तीन आधारभूत तत्त्वों और इन तीन मूल्यों का विकास और उनके उपाय भी हमारे हाथ में हों, यह आवश्यक है। निरुपाय व्यक्ति कुछ भी नहीं कर सकता। वही व्यक्ति सफल होता है जिसके पास कुछ उपाय होता है । हम उपाय की मीमांसा करें, उससे पहले कुछ समझ भी लें। पहला आधार है-अहिंसा और अहिंसा का पहला तत्त्व है-भावना का परिवर्तन । हिंसा के अनेक कारण हैं। उनमें एक बड़ा कारण है-भावना, एक प्रकार की धारणा का न्यास । आदमी आदमी को आदमी नहीं मान रहा है। यह एक भावना है और जब तक इस भावना का परिवर्तन नहीं होता तब तक इस सामाजिक मूल्य का विकास नहीं हो सकता। अध्यात्म के आचार्यों ने इस भावना-परिवर्तन के लिए कुछ शब्द दिए ---'आत्मौपम्य' 'आत्मतुला', 'सब जीव समान', 'सब जीव अपनी आत्मा के Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003066
Book TitleAhimsa Vyakti aur Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1992
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Principle, & Religion
File Size10 MB
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