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अहिंसा : व्यक्ति और समाज
देश अहिंसा की शरण में चले जाएं और शस्त्र-निर्माण में लगी हुई अपनी चेतना को वहां से हटा लें तो विश्व शान्ति के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हो सकती है । पूर्वाग्रह, भय, अहम्, संदेह, स्पर्धा आदि जिन-जिन कारणों से हिंसा को बल मिलता है, उन्हें समाप्त करना जरूरी है । जिस दिन अणु अस्त्रों पर संपूर्ण प्रतिबन्ध लगेगा, क्रूर हिंसा रूपी राक्षसी को कील दिया जाएगा, वह दिन समूची मानव जाति के लिए महान उपलब्धि का दिन होगा । यह मेरा व्यक्तिगत सपना है । मेरा ही क्यों, न जाने कितने-कितने लोगों का सपना है । हम सब मिलकर प्रयत्न करें और मंगल कामना करें कि शान्ति का जो द्वार खुला है, वह खुलता ही चला जाए ।
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