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युद्ध का समाधान : अहिंसा
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नरसंहार भी टल जाए । अन्ततः यही हुआ और एक भीषण नरसंहार सहज ही टल गया।
यह विचार अहिंसा की ओर एक कदम है । उन परिस्थितियों में यह एक महत्त्वपूर्ण प्रयोग था । आज की परिस्थितियां भिन्न हैं। फिर भी इस उदाहरण के आधार पर कोई व्यावहारिक समाधान निकाला जा सकता है, ऐसा मेरा विश्वास है । सिद्धांत-पक्ष को व्यावहारिक रूप मिलना जरूरी है। युद्ध की परिस्थितियों और परिणामों को देखते हुए विश्वास और आश्वासन भी अहिंसा में ही दीखता है । आवश्यकता केवल एक व्यापक नेतृत्व की है, जिसका अभाव अब समाप्त हो, यह जरूरी है।
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