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________________ २०६ अतीत का वसंत : वर्तमान का सौरभ ____ लाडनूं सेवा केन्द्र १०० वर्षों का ज्वलन्त उदाहरण है। मर्यादा-महोत्सव पर साध्वियां आचार्य से प्रार्थना करती रहती हैं कि मुझे 'चाकरी के लिए लाडनूं भेजें', दूसरी कहती है 'मेरे पर कृपा करावें।' तीसरी कहती है 'मेरे पर।' इस प्रकार वह दृश्य दर्शनीय बन जाता है। दूसरी तरफ आज के मानव के मानस को देखते हैं तो ऐसा लगता है-प्रायः सेवा से जी चुराते हैं। कहीं करनी पड़े तो परवशता है परन्तु भावना यही रहती है कि न करनी पड़े। __भद्रबाहु स्वामी ने संघ का उपद्रव दूर करने के लिए “उवसग्ग हर स्तोत्र' रचा। कई श्रावक-श्राविकाओं ने उसे याद किया। एक समय एक बहिन का बछड़ा घर से बाहर चला गया। उसने सोचा-कौन बाहर जाएगा। स्तोत्र पढ़ा, देक आया, पूछा-'कहो, क्या काम है।' बहिन ने कहा- 'मेरे बछडे को ढूंढ़ कर घर पर लाओ।' एक दूसरी बहिन भोजन पका रही थी। उसके छोटे बच्चे ने घर के आंगन में मल विसर्जन कर दिया। उसने स्तोत्र पढ़ा, देव आया, काम पूछा। बहिन ने कहा-“बच्चे ने आंगन खराब किया है इसे साफ कर दो।" देवता ने वैसा ही किया। फिर देवताओं ने भद्रबाहु स्वामी के पास प्रार्थना की-“भगवन् ! हमारी तो यह दशा है। लोग हमें ऐसे तंग करते हैं।' भद्रबाहु स्वामी ने उसमें से प्रभावी पाठ को अलग कर दिया। तात्पर्य यह है कि काम करने से जी चुराया जाता है। किन्तु ये साध्वियां अपवाद हैं। जब साध्वियां सेवा के लिए प्रार्थना करती हैं, उस समय उनका उत्साह मूर्तरूप ले लेता है। जब तक वे लाडनूं में स्थिर सतियों की एक वर्ष की सेवा नहीं कर लेती तब तक उन्हें भार महसूस होता है। मनु ने कहा-पितृऋण चुकाए बिना मनुष्य की गति नहीं होती चाहे वह संन्यास क्यों न ले ले। बिना पितृऋण के उनकी गति नहीं होती। सम्भवतः सतियां भी यही सोचती होंगी कि बिना लाडनूं की सेवा किए हमारी गति कहीं अटक न जाए। इसी सेवा-भाव ने साधु-मानस से शिष्य परम्परा को जड़-मूल से मिटा दिया। जैन परम्परा में सेवा का महत्त्व . सेवा के लिए सूत्रों में दो शब्द आए हैं-वैयावडिय और वैयावच्च। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003064
Book TitleAtit ka Basant Vartaman ka Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1996
Total Pages242
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size9 MB
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