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महावीराष्टकम्
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देव ! तुम्हारा कर्तृत्व दूसरों के लिए नहीं है, फिर भी तुम भक्तों के लिए क्या करोगे ? तुमने जो किया है, वही मैं करूं । तुम केवल उसके निमित्त बन जाओ, मैं अपने आप तुम्हारे जैसा हो जाऊंगा ।
( वि० सं० २००७ कार्तिक कृष्णा १४ - हांसी)
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